Once a King had four ministers. Of them, first three were always busy in King’s flattery and cajolery whereas the fourth was wise, farsighted, straight forward and a little blunt. The King ruled the kingdom successfully for many years. His ministers always guided and assisted him. Unfortunately the King got a fatal disease which eventually […]
आत्मा की पुष्टि तथा सूक्ष्म शरीर की पुष्टि केवल आत्मचिन्तन, विचार शुद्धि, भावनाओं की पवित्रता तथा भगवन्नाम के रस से ही होती है। इन साधनों की प्राप्ति के लिए न किसी धन की आवश्यकता है, न किसी विशेष कर्म की। यदि आवश्यकता है, तो केवल अपने ध्यान को अंतर्मुखी करने की, आत्मनिरीक्षण और अपने मन […]
स्थिति की समीक्षा भारत विश्व का सबसे बड़ा प्रजातंत्र है। अंदर से उभरी और बाहर से थोपी गई तमाम विसंगतियों के बीच भारत ने अपनी प्रजातंात्रिक पद्धति को टूटने नहीं दिया और अनेक कीर्तिमान बनाए, इसके लिए उसे वह सम्मान भी प्राप्त हुआ है, जिसका कि वह हकदार है। किन्तु इन सबके बावजूद कुछ ऐसी […]
आधुनिक वैज्ञानिक आविष्कारों की बुराइयों से दीन दशा को प्राप्त मानव समुदाय के उद्धार का यदि कोई उपाय है, तो वह प्रकृति की शरण ही है। हमें प्राकृतिक चिंतन और प्राकृतिक जीवन में लगना होगा। हमें अपने पूर्वजों से प्राप्त ‘सादा जीवन, उच्च विचार’ वाले नियम को अनुभव करना होगा। सादा वस्त्र पहनो। प्रतिदिन भ्रमण […]
कुपात्रों को धन देना व्यर्थ है। जिसका पेट भरा हुआ हो, उसे और भोजन कराया जाए, तो वह बीमार पड़ेगा और अपने साथ दाता को भी अधोगति के लिए घसीटेगा। भारतीय संस्कृति के अनुसार दान बहुत ही उत्तम धर्म-कार्य है। जो अपनी रोटी दूसरों को बाँट कर खाता है, उसको किसी बात की कमी […]
Friends! This world is full of opportunities. What is needed is that we adjust and mold ourselves according to the circumstances and reap maximum benefits. We should always welcome the criticism that comes our way for this acquaints us with our own shortcomings and limitations. After knowing our faults we must reform ourselves and become […]
Self Help
One day a few bloodhound dogs started chasing the rabbit. He got very scared and ran for his life. He went to the cow who was his friend and requested, ” Sister, please save me from these dogs by killing them with your horns.” The cow ignored his request and went away. Next he went […]
भौतिक क्षेत्र का ध्येय एक ऐसा पदार्थ है, जिसका काल की दृष्टि से आदि और अंत होता है और उसका उद्देश्य किसी अन्य वस्तु को प्राप्त करना होता है। आध्यात्मिक साधना का ध्येय ऐसी वस्तु की प्राप्ति होता है, जो सदा रही है, सदा रहेगी और इस समय भी हमारे ही अंदर मौजूद है। जीवन […]
कर्मवाद और मानवीय प्रगति इस बात पर भी कुछ विचार करना चाहिए कि अपनी परिस्थितियों, अभिरूचियों तथा अवसरों की ओर हमारा भाव कैसा होना चाहिए। एक बात तो स्पष्टï है कि ये परिस्थितियाँ हमको पूर्व जन्म की कमाई के फलस्वरूप प्राप्त हुई हैं। हमारे अपने ही किए कर्म इन रूपों में हमारे सामने आ उपस्थित […]
NEVER DESPAIR
Once Scotland was conquered by King Bruce, The new King could not even settle down on his throne when his kingdom was invaded by an enemy King. Somehow he managed to defeat him and saved his empire. After a few months, again he got attacked by other invaders, this time again he proved lucky and […]