यहाँ हर श्रेष्ठ व्यक्ति को कठिनाइयों की, असुविधाओं की अग्रिपरीक्षाओं में होकर गुजरना पड़ा है। जो विवेक को अपनाए रहता है, प्रलोभनों में स्खलित नहीं होता और सन्मार्ग से किसी भी कारण कदम पीछे नहीं हटाता, वस्तुत: वही इस भवसागर को पार करता है, वही माया के जादू से अछूता बचा रहता है और उसी […]
Month: May 2012
शक्ति संचय कीजिए
जीवन एक प्रकार का संग्राम है। इसमें घड़ी-घड़ी में विपरीत परिस्थितियों से, कठिनाइयों से, लडऩा पड़ता है। मनुष्य को अपरिमित विरोधी-तत्त्वों को पार करते हुए अपनी यात्रा जारी रखनी होती है। दृष्टि उठाकर जिधर भी देखिए, उधर ही शत्रुओं से जीवन घिरा हुआ प्रतीत होगा। ‘दुर्बल, सबलों का आहेार है’ यह एक ऐसा कड़वा सत्य […]
Inspiration From A Lamp
The oil in the lamp has finished. Only the burning cotton wick was emitting dim light was left. On seeing its dying moment, a householder couldn’t help asking it, “You have been guiding others by emitting your light for the whole life. You have been doing good to the world, yet when I see your […]
दुनिया में लक्ष्मी, विद्या, प्रतिष्ठI, बल, पद, मैत्री, कीर्ति, भोग, ऐश्वर्य आदि को बड़ा फल माना जाता है। यह सब ज्ञान-रूपी वृक्ष के फल हैं। ज्ञान के अभाव में इनमें से एक भी वस्तु प्राप्त नहीं हो सकती। परमार्थ के लिए ज्ञान से बड़ी और कोई वस्तु नहीं है। भूखे को दो रोज भोजन करा […]
The Value of Woman
Woman is an invaluable gem of our society. Very few people can adjudge and acknowledge her worth. Whoever identifies her importance and channelizes her capabilities, achieve unmatched contentment and happiness. Once there was a poor farmer who owned a small piece of land. One day while ploughing his field he came across a sparkling piece […]
Importance of Mental Soundness
A tainted mind can never be peaceful. A person with an infirm mentality is very unfortunate and does not know the significance of mental cleanliness and reformation. However, if we analyze, cleanse and sanctify our outlook we will surely experience divine bliss. Mental morbidity are countless and each has its own disadvantage. Physical diseases can […]
तुम व्यर्थ में दूसरों के अनर्थकारी संदेशों को ग्रहण कर लेते हो। तुम वह सच मान बैठते हो, जो दूसरे कहते हैं। तुम स्वयं अपने आप को दु:खी करते हो कि दूसरे लोग हमें चैन नहीं लेने देते। तुम स्वयं ही दु:ख का कारण हो, स्वयं ही अपने शत्रु हो। जो किसी ने कुछ कह […]
कार्य को आरंभ न करने मात्र से व्यक्ति निष्कर्मावस्था का आनंद प्राप्त नहीं करता। शरीर के द्वारा निष्क्रिय हो गए, तो क्या लाभ, क्योंकि बंधन और मोक्ष का कारण तो मन है। मन को निष्क्रिय बनाना है। मन की निष्क्रियता है-कर्म और कर्मफल से अनासक्त रहना। आलसी बनकर बैठे मत रहो। फल में अपना अधिकार […]
Death is not the END of life!
We discard our old clothes and wear new ones, in the same way we keep on repudiating our old body and adopt new ones. The change of clothes does not affect the body in any way, similarly a change in the body does not affect the soul(Atma). When someone dies it does not mean that […]
Art must induce emotional refining
Art plays an important role in both the development as well as evolution of human emotions. Music (vocal & instrumental), dance, acting, painting, literature etc. all play a significant role in invoking an emotional response. This emotional inducing aspect is being exploited these days. Many people who are involved in any way with the various […]