आधुनिक वैज्ञानिक आविष्कारों की बुराइयों से दीन दशा को प्राप्त मानव समुदाय के उद्धार का यदि कोई उपाय है, तो वह प्रकृति की शरण ही है। हमें प्राकृतिक चिंतन और प्राकृतिक जीवन में लगना होगा। हमें अपने पूर्वजों से प्राप्त ‘सादा जीवन, उच्च विचार’ वाले नियम को अनुभव करना होगा। सादा वस्त्र पहनो। प्रतिदिन भ्रमण करो। सिनेमा और उपन्यास-अध्ययन का परित्याग करो। सादा भोजन करो। परिश्रमी जीवन का महत्त्व समझो और उसे अपनाओ। अपनी इंद्रियों को वश में लाओ। जीवन में सद्ïगुणों का विकास करो। कीर्तन करो। उस प्रभु को प्रत्येक स्थान पर विराजमान होता हुआ अनुभव करो। दिव्य जीवन व्यतीत करना सीखो और आत्मभाव से समाज की सेवा करो। तुम्हारी मुक्ति का सर्वोत्तम उपाय यही है। तुम्हें जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता मिलेगी। यह एक ऐसी कुंजी है, जिससे परमानंद का द्वार आसानी से खोला जा सकता है।
जीवन में वास्तविक और स्थायी सफलता की प्राप्ति के कौन से उपाय हैं? कथनी से करनी कठिन है। अपने व्याख्यान के बीसवे अंश के समान बनना भी कठिन है। सिद्धांतों के ढेर से लाभ क्या यदि उसको जीवन में क्रियात्मक रूप न दिया! सिद्धान्तों के ढेर में से अभ्यास का एक तोला भी महत्त्व का है। इस लोक और परलोक के लिए क्रियाशील या कर्मयोगी बनो। तभी भौतिक और आध्यात्मिक सफलताएँ तुम्हारी चेरी बनेंगी।